सर्दियों का सुपरफ्रूट होता है संतरा, दूर करें इससे जुड़े कुछ भ्रम

सर्दियों का सुपरफ्रूट होता है संतरा, दूर करें इससे जुड़े कुछ भ्रम

सेहतराग टीम

संतरा प्रकृति के उत्तम उपहारों में से एक है। यह बहुत पोषक और रसदार फल है। संतरे में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे विटामिन ए, बी, सी और कैल्शियम   आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। संतरा बहुत जल्दी पचता है, क्योंकि संतरे का स्टार्च सूर्य की किरणों द्वारा आसानी से घुलने वाली शर्करा में परिवर्तित हो जाता है। इसलिए यह खून में आसानी से सोख लिया जाता है और शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है।

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संतरे के सेवन से शरीर को ये फायदे होते हैं:

हड्डी और दांत की बीमारी:

संतरा में कैल्शियम और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए हड्डी और दांत की बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अक्सर दांतों की समस्या कैल्शियम और विटामिन सी की कमी के कारण होती हैं। इसलिए संतरे का सेवन करने से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। यही नहीं शिकागो के चिकित्सक डॉ. हर्के ने अधिक मात्रा में संतरे का रस देकर पायरिया और दंत-अस्थि क्षय के कई मरीजों का सफल इलाज करने का दावा  किया है।

हृदय रोग:

संतरे का रस शहद के साथ लेना हृदय के रोगों में बहुत लाभकारी होता है। कार्डिएक अवस्थाओं, जैसे- कोरोनरी इस्केमिया और व्यक्तिक्रम में, जब केवल तरल आहार ही ग्रहण हो, संतरे के रस का शहद के साथ उपयोग बहुत ताकत देने वाला तरल आहार है।

कील-मुंहासे:

संतरे का छिलका मुंहासे और कील के उपचार में उपयोगी होता है। इसके छिलकों को पीसकर प्रभावित भाग पर लगाना चाहिए। यदि इसे बरसात के पानी के साथ पीसकर उसका लेप चेहरे पर लगाया जाए तो यह ज्यादा प्रभावी होता है।

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बच्चों की बीमारियां:

संतरे का रस मां का दूध न मिल पानेवाले शिशुओं के अच्छा आहार है। उनकी उम्र के अनुसार आधे से चार औंस तक संतरे का रस रोज दिया जाना चाहिए। यह स्कर्वी और रिकेट्स की रोकथाम करता है। और विकास में मदद करता है। इस रस को थोड़े बड़े बच्चों को भी लाभकारी परिणामों के लिए दिया जा सकता है, जिन बच्चों का विकास नहीं होता है उन्हें रोज दो से चार औंस तक संतरे का रस दोय जाना चाहिए।

कब्ज:

संतरा कब्ज में भी फायदा करता है। सोते समय और सुबह उठने पर एक या दो संतरे का सेवन आंतों की समस्याओं से छुटकारा दिलवाता है।

पाचन तंत्र:

संतरा पुरानी से पुरानी अपच के लिए प्रभावी दवा है। यह पाचन अंगों को आराम पहुंचता है। संतरा पाचन में सुधार कर भूख बढ़ाता है।

बुखार:

संतरा सभी प्रकार के बुखारों में उत्कृष्ट आहार है। जबकि बुखार से पाचन शक्ति को भयंकर क्षति पहुंचती है। बुखार से पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक विषाक्तता के दौर से गुजरता है और लार की कमी से उसकी जीभ पर परत चढ़ जाती है, भूख व प्यास के लिए उसकी इच्छा नष्ट हो जाती है। संतरे का रस इन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा संतरे का रस टायफॉइड, क्षय रोग, खसरे में बहुत आदर्श तरल आहार है। इससे ऊर्जा मिलती है और खुलकर पेशाब होता है।

(यह आलेख डॉ. हरिकृष्ण बाखरु द्वारा लिखी गयी ‘किताब फलों और सब्जियों से चिकित्सा’ से साभार लिया गया है)

 

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